भूटान अपनी शानदार संस्कृति, ऊंचे पहाड़ और सुंदर घाटियों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यही वजह है कि लाखों पर्यटक ख‍िंचे चले आते हैं. इनमें बड़ी तादात भारतीयों की होती है. हर साल 2.5 लाख से ज्‍यादा भारतीय पर्यटक भूटान जाते हैं. इनमें तकरीबन 20 हजार लोग तो तीन-चार दिनों के लिए यहां की यात्रा करते हैं. हजारों लोग ऐसे भी होते हैं जो 15 दिनों के लिए भूटान घूमने जाते हैं.

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लेकिन बहुत सारे लोग सिर्फ इसल‍िए भूटान नहीं जा पाते क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि कागजी प्रक्रिया बहुत झंझट वाली है. मगर ऐसा बिल्‍कुल भी नहीं है. आज हम आपको उन प्रक्रिया के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे आपको गुजरना होता है. कई नियम कायदे तो काफी अनोखे हैं.सबसे खास बात, हिमालय की पहाड़ियों से ढके हुए इस देश में आज भी राजा का कानून चलता है.

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उन्‍हीं के बनाए नियम लागू होते हैं, लेकिन वहां भारतीयों को काफी पसंद किया जाता है. भारतीयों के लिए भूटान जाना वैसा ही है जैसा भारत के अन्य राज्यों में जाना. क्‍योंकि आपको न पासपोर्ट की जरूरत होगी और न ही वीजा की. अगर आप सड़क मार्ग से जाने की सोच रहे हैं तो सिर्फ एक जगह आपको रुकना होगा, ठीक उसी तरह जैसे टोलटैक्‍स देने के लिए कहीं रुकना होता है.

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बॉर्डर पर आपको इमिग्रेशन ऑफिस में परमिट बनवाना होगा.यहां बनेगा परमिटपारो या फुएन्त्शोलिंग में भूटान का परमिट दफ्तर बना हुआ है. रोजाना सुबह 9 बजे यह दफ्तर खुलता है. लेकिन अगर आप वीकेंड पर जाने की सोच रहे हैं तो रुक‍िए. शनिवार और रविवार को भूटान सरकार ने पूरे देश में छुट्टी घोषित कर रखी है. इसल‍िए यह ऑफिस केवल सोमवार से शुक्रवार ही खुलता है.

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तो आपको इन्‍हीं दिनों में जाना होगा. आप चाहें तो कोलकाता में बने भूटानी दूतावास से भी इसे बनवा सकते हैं. यहां परमिट बनवाना कोई मुश्क‍िल काम नहीं. आप आसानी से कुछ वक्‍त में परमिट बनवा सकते हैं. इसी सेंटर पर आप भारतीय रुपयों को भूटानी नोंग्त्रुम में बदलवा सकते हैं. बहुत सारा काम तो ट्रैवल एजेंसियां खुद करा देती हैं.

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करंसी और खानपान का झंझट नहींभूटान के लिए निकलने से पहले अपना वोटर आईडी कार्ड या फ‍िर पैन कार्ड जरूर साथ रखें क्‍योंकि भूटान में आधार कार्ड की मान्‍यता नहीं है. एक और खास बात, एक बार परमिट बन गया तो 15 दिनों तक आप भूटान में किसी भी जगह बिना रोकटोक घूम सकते हैं. सबसे अच्‍छी बात भूटान में भारतीय करंसी चल जाती है.

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दोनों की करंसी में बहुत ज्‍यादा फर्क भी नहीं है. लेकिन वहां के एटीएम से पैसे निकालने पर ट्रांज‍िट चार्ज देना होगा. इंडियन फूड खूब मिलता है, इसल‍िए खाने-पीने का संकट नहीं होगा. अगर आप खुद ड्राइविंग करके घूमना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको बड़े आराम से परमिट मिल जाता है.

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सिलीगुड़ी से आप बाइक लेकर खुद भी जा सकते हैं. कई ट्रैवल एजेंसियां यह मुहैया कराती हैं. भूटान जाने के लिए नजदीकी स्टेशन हासिमआरा है. भारत का भूटान से नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा है. यहीं से ही टैक्सी रिज़र्व कर दार्जिलिंग, गंगटोक या भूटान जा सकते हैं.

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